मारिया रेसा और दिमित्री मुरातोव को शांति का नोबेल

मारिया रेसा और दिमित्री मुरातोव को शांति का नोबेल

पेशे से पत्रकार हैं दोनों

ओस्लो। फिलीपीन की पत्रकार मारिया रेसा और रूसी पत्रकार दिमित्रि मुरातोव को वर्ष 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह पुरस्कार उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष को लेकर दिया गया है। नार्वे की नोबेल समिति ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। 

मारिया रेसा न्यूज साइट रैप्लर की को-फाउंडर हैं। उन्होंने 2012 में इसकी स्थापना की थी। उन्होंने फिलीपीन में सत्ता के दुरुपयोग और तानाशाही के खिलाफ अभिव्यक्ति की आजादी के लिए आवाज उठाई थी। दिमित्री मुरातोव ने रूस में नोवाजा गजेटा नाम के न्यूज पेपर की शुरुआत की थी। वो देश में फ्रीडम ऑफ स्पीच की रक्षा के लिए सालों से काम कर रहे हैं। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (11.4 लाख डॉलर से अधिक राशि) दिए जाते हैं।

 गुरनाह को साहित्य का नोबेल पुरस्कार 

स्वीडिश अकादमी, स्टॉकहोम, स्वीडन द्वारा गुरुवार को ज़ांज़ीबार में पैदा हुए और इंग्लैंड में सक्रिय अब्दुलरज़क गुरनाह को ‘उपनिवेशवाद के प्रभावों और संस्कृतियों और महाद्वीपों के बीच की खाड़ी में शरणार्थी के भाग्य के लिए उनकी अडिग और करुणामय पैठ के लिए’ साहित्य का नोबेल पुरस्कार, 2021 दिए जाने की घोषणा की गई। गुरनाह वर्तमान में यूके में केंट विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाते हैं। उनका सबसे प्रसिद्ध उपन्यास पैराडाइज (Paradise) है, जिसे 1994 में बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया था।

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