सिरोही, बांसवाड़ा, हनुमानगढ़ एवं दौसा में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास, जयपुर में सिपेट का उद्घाटन

सिरोही, बांसवाड़ा, हनुमानगढ़ एवं दौसा में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास, जयपुर में सिपेट का उद्घाटन

प्रधानमंत्री मोदी ने वीसी के माध्यम से रखी आधारशिला

जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राजस्थान के बांसवाड़ा, सिरोही, हनुमानगढ़ और दौसा जिलों में चार नए मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी और CIPET (पेट्रो रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान, जयपुर) का भी उद्घाटन किया। इस दौरान लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार भी उपस्थित थीं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सबसे तेजी से विकसित हो रहे उद्योगों में से एक, पेट्रो रसायन इंडस्ट्री के लिए, स्किल्ड मैन पावर आज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नया पेट्रो रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान सिपेट : पेट्रो केमिकल प्रौद्योगिकी संस्थान लाखों युवाओं को नई संभावनाओं से जोड़ेगा। देशभर में ऐसे 42 संस्थान हैं। 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रधानमंत्री के ‘न्यू इंडिया’ के विजन को पूरा करने में योगदान देगा।

जालोर, राजसमंद और प्रतापगढ़ में भी खुलें मेडिकल कॉलेज : गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को सिपेट: आईपीटी और राजस्थान में सिरोही, हनुमानगढ़, बांसवाड़ा एवं दौसा में स्थापित किए जाने वाले चार मेडिकल कॉलेजों के लिए धन्यवाद दिया। राज्य के 33 में से 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज या तो संचालित हैं या फिर निर्माण की प्रक्रिया में हैं और वर्ष 2023 तक ये संचालन अवस्था में होंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री से बाकी बचे जालोर, राजसमंद और प्रतापगढ़ जिलों में भी राजकीय मेडिकल कॉलेज की शीघ्र मंजूरी देने का आग्रह किया। गहलोत ने कहा कि ये तीनों ही पिछड़े जिले हैं और मेडिकल कॉलेज बनने से यहां पर बेहतर चिकित्सकीय सुविधाओं का लाभ आम जन को मिल सकेगा।

इन जिला मुख्यालयों पर बन रहे मेडिकल कॉलेज

उल्लेखनीय है कि केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत वर्तमान में राजस्थान में 16 मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है। 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बन रहे इन महाविद्यालयों की कुल लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा यानी लगभग 2 हजार करोड़ रुपए राज्य सरकार द्वारा वहन किए जा रहे हैं। ये कॉलेज सिरोही, बांसवाड़ा, हनुमानगढ़ और दौसा के अलावा अलवर, बूंदी, टोंक, झुंझुनूं, नागौर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, चित्तौड़गढ़, बारां, सवाई माधोपुर, करौली एवं धौलपुर में भी बन रहे हैं।

एमबीबीएस की 2830 सीटें

वर्तमान में राज्य में राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 2830 सीटें हैं। इन सभी महाविद्यालयों को वर्ष 2023 तक शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। निर्माणाधीन सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों के आरंभ होने के बाद एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर 4 हजार से अधिक होने की संभावना है।

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