स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और अमृत 2.0 का शुभारंभ

स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और अमृत 2.0 का शुभारंभ

स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 का लक्ष्य शहरों को पूरी तरह से कचरा मुक्त बनाना

मिशन अमृत 2.0 का लक्ष्य शहरों को जल-सुरक्षित शहर बनाना

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और अटल कायाकल्प एवं शहरी परिवर्तन मिशन 2.0 का शुभारंभ किया। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 में देशवासियों ने भारत को खुले में शौच मुक्त – ओडीएफ बनाने का संकल्प लिया था और उन्होंने 10 करोड़ से अधिक शौचालयों के निर्माण के साथ इस संकल्प को पूरा किया। प्रधानमंत्री कहा कि अब ‘स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0’ का लक्ष्य शहरों को कचरा मुक्त यानी कचरे से पूरी तरह से मुक्त बनाना है।

प्रधानमंत्री ने मिशन अमृत के अगले चरण में देश के लक्ष्य को रेखांकित करते हुए कहा, ‘सीवेज और सेप्टिक प्रबंधन में सुधार, हमारे शहरों को जल-सुरक्षित शहर बनाना और यह सुनिश्चित करना कि कहीं भी कोई सीवेज का गंदा नाला हमारी नदियों में आकर न गिरे।’

इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, गजेन्द्र सिंह शेखावत, प्रहलाद सिंह पटेल, कौशल किशोर, श्री बिश्वेश्वर टुडू आदि उपस्थित थे।

स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0

एसबीएम-यू 2.0 सभी शहरों को ‘कचरा मुक्त’ बनाने और अमृत के अंतर्गत आने वाले शहरों के अलावा अन्य सभी शहरों में धूसर और काले पानी के प्रबंधन को सुनिश्चित करने, सभी शहरी स्थानीय निकायों को ओडीएफ+ और 1 लाख से कम जनसंख्‍या वाले को ओडीएफ++ के रूप में तैयार करने की परिकल्पना करता है, जिससे शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित स्वच्छता के लक्ष्‍य को पूरा किया जा सके। मिशन के तहत ठोस अपशिष्ट के स्रोत पृथक्करण, 3-आर,  रिड्यूस (कम करें) रियूज (पुन: उपयोग), रिसाइकल (पुर्नचक्रण) के सिद्धांतों का उपयोग करने, सभी प्रकार के शहरी ठोस कचरे के वैज्ञानिक प्रसंस्करण और प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए डंपसाइट के सुधार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। एसबीएम-यू 2.0 का परिव्यय लगभग 1.41 लाख करोड़ रुपए है।

अमृत ​​2.0

अमृत 2.0 का लक्ष्य लगभग 2.64 करोड़ सीवर/सेप्टेज कनेक्शन प्रदान करके लगभग 2.68 करोड़ नल कनेक्शन और 500 अमृत शहरों में सीवरेज और सेप्टेज का शत-प्रतिशत कवरेज करते हुए लगभग 4,700 शहरी स्थानीय निकायों में सभी घरों में पेयजल की आपूर्ति का शत-प्रतिशत कवरेज प्रदान करना है, जिससे शहरी क्षेत्रों में 10.5 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा। अमृत 2.0 सर्कुलर इकोनॉमी के सिद्धांतों को अपनाएगा और सतह एवं भूजल निकायों के संरक्षण और कायाकल्प को बढ़ावा देगा। मिशन नवीनतम वैश्विक प्रौद्योगिकियों और कौशल का लाभ उठाने के लिए जल प्रबंधन और प्रौद्योगिकी उप-मिशन में डेटा आधारित शासन को बढ़ावा देगा। शहरों के बीच प्रगतिशील प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए ‘पेयजल सर्वेक्षण’ आयोजित किया जाएगा। अमृत ​​2.0 का परिव्यय लगभग 2.87 लाख करोड़ रुपए है।

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