भास्कर’ और ‘भारत समाचार’ पर आयकर छापों का विरोध

भास्कर’ और ‘भारत समाचार’ पर आयकर छापों का विरोध

सोशल मीडिया पर समर्थन में उतरे हजारों लोग

आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोपों में मीडिया समूह दैनिक भास्कर के भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर स्थित परिसरों में छापेमारी की है। वहीं, उत्तर प्रदेश स्थित टीवी समाचार चैनल भारत समाचार के दफ़्तर, उसके संपादक ब्रजेश मिश्रा और स्टेट हेड वीरेंद्र सिंह के घरों पर भी छापा मारा गया है।

– ब्यूरो रिपोर्ट –

नई दिल्ली/जयपुर। आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोपों में मीडिया समूह दैनिक भास्कर के विभिन्न शहरों में स्थित परिसरों पर बृहस्पतिवार को छापे मारे हैं। दैनिक भास्कर के साथ ही उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख टीवी समाचार चैनल भारत समाचार के यहां भी आयकर विभाग छापेमारी कर रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छापेमारी दैनिक भास्कर समूह के भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर स्थित परिसरों में की जा रही है।

भास्कर' और 'भारत समाचार' पर आयकर छापों का विरोध

भास्कर’ और ‘भारत समाचार’ पर आयकर छापों का विरोध

अखबार के प्रमोटरों के आवासों और कार्यालयों सहित कई टीमों द्वारा कई स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर कहा कि आयकर विभाग के अधिकारी समूह के करीब छह परिसरों पर मौजूद हैं। इनमें राज्य की राजधानी भोपाल में प्रेस कॉम्प्लेक्स में उसका कार्यालय भी शामिल है। सिंह ने कहा कि यह बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल का एक उदाहरण है।
इस बीच दैनिक भास्कर ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है, मानसून सत्र में दैनिक भास्कर ग्रुप पर सरकारी दबिश का मुद्दा विपक्ष ने जोर-शोर से उठाया है। विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में भास्कर ग्रुप पर इनकम टैक्स विभाग के छापों का विरोध किया और नारेबाजी की। इसके बाद सदन दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में भी हंगामा हुआ, यहां फोन टैपिंग और जासूसी का मुद्दा भी उठा। लोकसभा को भी 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर आयकर छापे मीडिया को डराने का प्रयास है। उनका संदेश साफ है, जो भाजपा सरकार के खिलाफ बोलेगा, उसे बख्शेंगे नहीं। ऐसी सोच बेहद खतरनाक है। सभी को इसके खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए। ये छापे तुरंत बंद किए जाएं और मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए।

कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘मोदी सरकार में प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने का, सच को रोकने का काम शुरू से ही किया जा रहा है। अभी पेगासस जासूसी मामले में भी कई मीडिया संस्थान व उससे जुड़े लोग बड़ी संख्या में निशाने पर रहे हैं और अब सरकार की निरंतर पोल खोल रहे, सच को देश भर में उजागर कर रहे दैनिक भास्कर मीडिया समूह को दबाने का काम शुरू हो गया है।’

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘अपने विरोधियों को दबाने के लिए, सच को सामने आने से रोकने के लिए ईडी, आईटी व अन्य एजेंसियों का दुरुपयोग यह सरकार शुरू से ही करती रही है और यह काम आज भी जारी है। लेकिन ध्यान रखे कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नही।’

रिपोर्ट के अनुसार, हाल के महीनों में यह दूसरी बार है जब आर्थिक अपराधों के सरकारी दावों पर एक न्यूज आउटलेट पर छापा मारा गया है। इससे पहले फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय ने कई दिनों तक दिल्ली स्थित एक स्वतंत्र मीडिया पोर्टल न्यूजक्लिक से जुड़े कई अधिकारियों और पत्रकारों के आवासों पर छापेमारी की थी।

बता दें कि मध्य प्रदेश के भोपाल मुख्यालय वाला दैनिक भास्कर देश में सबसे अधिक बेचे जाने वाले अखबारों में शामिल है। पिछले कुछ महीनों में दैनिक भास्कर के विभिन्न संस्करणों ने महामारी की दूसरी लहर के दौरान गहरी जांच-पड़ताल वाली रिपोर्ट की थीं। दैनिक भास्कर पर की गई न्यूजलॉन्ड्री की रिपोर्ट में बताया गया कि कोविड-19 से संबंधित अव्यवस्थाओं को उजागार करने में अखबार लगातार लगा हुआ है, जबकि केंद्र और राज्य सरकारें ऐसा नहीं चाहती हैं।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच जब देशभर में भारी किल्लत के बीच गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने अपने पास रेमडेसिविर होने का दावा किया था, तब दैनिक भास्कर के स्थानीय संस्करण दिव्य भास्कर ने पाटिल के मोबाइल नंबर को अपने पहले पेज की हेडलाइन बना दिया था, क्योंकि पाटिल के पास बड़ी मात्रा में रेमडेसिविर होने के सवाल पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से उन्हीं से सवाल पूछने के लिए कहा था। अखबार के संपादकों में से एक ओम गौड़ ने न्यूयॉर्क टाइम्स में एक ऑप-एड भी लिखा था, जिसका शीर्षक था ‘द गंगा इज रिटर्निंग द डेड, इट डज नॉट।’

इसके साथ ही दैनिक भास्कर देश के उन गिने चुने हिंदी अखबारों में से था जिसने द वायर और 16 मीडिया सहयोगियों द्वारा पत्रकारों, मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, न्यायपालिका से जुड़े लोगों, कारोबारियों, सरकारी अधिकारियों, अधिकार कार्यकर्ताओं आदि सहित 300 से अधिक भारतीयों की इजराइल के एक सर्विलांस तकनीक से जासूसी कराने की खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित किया।

भारत समाचार और उसके संपादक के यहां भी छापा- दैनिक भास्कर के साथ ही उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख टीवी समाचार चैनल भारत समाचार के यहां भी आयकर विभाग छापेमारी कर रहा है। भारत समाचार ने एक ट्वीट कर जानकारी दी कि गुरुवार सुबह से ही आयकर विभाग की कई टीमें चैनल के दफ्तर, संपादक ब्रजेश मिश्रा और स्टेट हेड वीरेंद्र सिंह के घर के साथ कई अन्य कर्मचारियों के घरों की भी तलाशी ले रहा है।

बता दें कि भारत समाचार लगातार ऐसी कवरेज कर रहा था जिसे भाजपा के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को भी असहज स्थिति का सामना करना पड़ता था।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अखबार समूह दैनिक भास्कर तथा भारत समाचार न्यूज चैनल के कार्यालयों पर आयकर विभाग के छापों की आलोचना करते हुए इसे केंद्र सरकार द्वारा मीडिया को दबाने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि यह केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की फासीवादी मानसिकता का परिचायक है।

गहलोत ने ट्वीट किया, ‘दैनिक भास्कर अखबार और भारत समाचार न्यूज चैनल के कार्यालयों पर ‘इनकम टैक्स’ का छापा मीडिया को दबाने का एक प्रयास है। मोदी सरकार अपनी रत्तीभर आलोचना भी बर्दाश्त नहीं कर सकती है। यह भाजपा की फासीवादी मानसिकता है जो लोकतंत्र में सच्चाई का आइना देखना भी पसंद नहीं करती।’

गहलोत ने कहा, ‘ऐसी कार्रवाई कर मोदी सरकार मीडिया को दबाकर संदेश देना चाहती है कि यदि गोदी मीडिया नहीं बनेंगे तो आवाज कुचल दी जाएगी।’

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