176 करोड़ रुपए की फर्जी इनपुट टैक्‍स क्रेडिट धोखाधड़ी, दो और गिरफ्तार

176 करोड़ रुपए की फर्जी इनपुट टैक्‍स क्रेडिट धोखाधड़ी, दो और गिरफ्तार

डीजीजीआई गुरुग्राम यूनिट की कार्रवाई

नई दिल्ली। वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) खुफिया महानिदेशालय की गुरुग्राम क्षेत्रीय इकाई, हरियाणा ने 176 करोड़ रुपए के फर्जी इनपुट टैक्‍स क्रेडिट धोखाधड़ी मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है।

जानकारी के अनुसार इन बिलों को संजय गोयल मालिक मैसर्स रेडामेंसी वर्ल्‍ड और दीपक शर्मा ने पेश किया था। दीपक शर्मा ऐसी 8 कंपनियों का वास्‍तव में नियंत्रक हैं जो अस्तित्‍व में ही नहीं थी। इन दोनों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

जांच के दौरान दो अन्य व्यक्तियों मनीष मोदी और गौरव अग्रवाल की भूमिका सामने आने पर उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां से दोनों को 14 दिनों की न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया गया। नई दिल्‍ली के पीतमपुरा निवासी चार्टर्ड अकाउंटेंट मनीष मोदी को फर्जी फर्म रैकेट चलाने तथा फर्जी इनपुट टैक्‍स क्रेडिट बिल मामले में गिरफ्तार किया गया है जिसमें वस्‍तुओं और सेवाओं की वास्‍तव में आपूर्ति ही नहीं हुई थी। जांच में पाया गया है कि मनीष मोदी फर्जी फर्मों मैसर्स निवारण एंटरप्राइजेज और मैसर्स पंचवटी एंटरप्राइजेज का प्रबंधन/नियंत्रण कर रहा था और इनके आधार पर मनीष ने 36 करोड़ रुपए के फर्जी आईटीसी बिल पेश किए। वहीं, गौरव अग्रवाल, सहयोगी मेसर्स अग्रवाल एंड कंपनी (आईटीसी का अधिकृत डीलर) ने धोखाधड़ी करते हुए 15 करोड़ रुपए के फर्जी आईटीसी बिल (जिसमें जीएसटी और सेस शामिल हैं।) पेश किए। मामले की विस्‍तृत जांच जारी है।

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